जो नये काम को स्वीकारते हैं वो धन्य हैं

जो नये काम को स्वीकारते हैं वो धन्य हैं
I

धन्य हैं वो सभी जो, हैं सक्षम आज्ञा पालन में उस पवित्र आत्मा के, वास्तविक कथनों की। फर्क नहीं पड़ता वो कैसे थे, कैसे पवित्र आत्मा, कैसे पवित्र आत्मा, उनमें काम किया करती थी, जिन्हों ने पा लिए नव अवसर, सबसे अधिक धन्य हैं वो। नव अवसर पालन में, जो नाकाम हो जाएं वो तो लुप्त हो जायेंगे। प्र भु उन्हें ही चाहतें हैं, नयी रोशनी को जो माने, और उनके नए काम को जो, स्वीकारें और जानें।
II


क्यूँ होना है तुम्हें, एक पवित्र कुंवारी? क्यूँ की वो ही है जो ढूंढ़ सके, कार्य पवित्र आत्मा के, नयी चीज़ों को अपनाकर, वो त्याग सकती है पुराने विचार, आज है सक्षम चलने में वो, प्रभु के आज्ञानुसार। ये लोग जो स्वीकारते हैं, नव अवसरों को आज के, जिन्हें नियुक्त किये प्रभुने दुनिया के आगे, वो सबसे ज़्यादा धन्य हैं। तुम सुनते वाणी प्रभु की, निहारते उनकी मौजूदगी, तो, हर काल-खंड और पीढ़ियों में, इस धरती अम्बर में, कोई इतना धन्य है नहीं, जितने तुम हो, तुम सब हो। 
"वचन देह में प्रकट होता है" से

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

आपदा से पहले प्रभु गुप्त रूप से बहुत पहले ही आ गया है। हम उसका स्वागत कैसे कर सकते हैं? इसका मार्ग ढूंढने के लिए हमारी ऑनलाइन सभाओं में शामिल हों।