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अनुग्रह के युग में परमेश्वर ने पाप की भेंट बनने और मनुष्य के पापों का बोझ अपने ऊपर लेने के लिए देह धारण की थी। इन सारी बातों का कोई कारण है। प्रभु यीशु को पवित्र आत्मा ने राजी किया था और वे अपने पापरहित शरीर में मानवजाति के छुटकारे के लिए मनुष्य के पुत्र बने। सिर्फ़ ऐसा करने की वजह से ही शैतान को नीचा दिखाया गया। अंत के दिनों में, परमेश्वर ने न्याय का कार्य करने के लिए मनुष्य के पुत्र के रूप में फिर से देह धारण की है। हमने इसे हकीकत के तौर पर देखा है। मैं यही पूछना चाहता था। परमेश्वर के दो देह धारण थोड़े अलग-अलग हैं, पहला यहूदिया में था, और दूसरा चीन में है। अब, ऐसा क्यों है कि मानवजाति को बचाने का कार्य करने के लिए परमेश्वर को दो बार देह धारण करना चाहिए? परमेश्वर के दो देहधारणों का असली महत्व क्या है?
परमेश्वर का अंत का दिनों का कार्य चीन में क्यों किया जा रहा है, इस्राएल में क्यों नहीं?
परमेश्वर अपना अंत के दिनों का कार्य करने के लिए चीन में गुप्त रूप से क्यों अवरोहित हुए? इसके पीछे का अर्थ क्या है?
परमेश्वर का अंत के दिनों का कार्य परमेश्वर द्वारा उपयोग में लाए गये लोगों के जरिये क्यों नहीं किया गया? यह क्यों आवश्यक है कि वे यह कार्य देहधारी होकर व्यक्तिगत रूप से करें?
यह क्यों ज़रूरी था कि मानवजाति के सामने स्वयं को प्रकट करने के लिए, प्रभु मनुष्य-पुत्र के रूप में देहधारण करके वापस आएँ?

आपदा से पहले प्रभु गुप्त रूप से बहुत पहले ही आ गया है। हम उसका स्वागत कैसे कर सकते हैं? इसका मार्ग ढूंढने के लिए हमारी ऑनलाइन सभाओं में शामिल हों।