वह मेरा परमेश्वर है
नहीं और कोई वही जानता है तेरे दिल की बात
न कोई जाने हमारे भाव और फितरत उसकी हथेली की तरह
न कोई जाना विद्रोही तेवर या इंसान की भटकी डगर को
कोई बोल न सके या समझा सके हमको जन्नत के प्रभु की तरफ से
हमको जन्नत के प्रभु की तरफ से
नहीं है किसी और को हासिल प्रभु का विवेक और अधिकार
नहीं किसी और को हासिल गरिमा परमेश्वर की
परमेश्वर का स्वाभाव और क्या पास उनके और वो क्या है
सम्पूर्णता से उत्पन्न है उनके शरीर से
नहीं और कोई है उसके जैसा जो हमको उजाला ला कर दे
नहीं और कोई उसके अलावा जो सही राह दिखलाए हमको
नहीं और कोई जो उजागर करे रहस्य जो प्रभु ने न किये
जो राज़ प्रभु ने उजागर न किये सृष्टि के निर्माण से अब तक
नहीं और कोई जो हमको छुड़ाए शैतान की ग़ुलामी से
हमको हमारी फितरत के नैतिक पतन से
नहीं और कोई जो हमको छुड़ाए शैतान की ग़ुलामी से
और हमको हमारे उस दोषी स्वाभाव से वो भ्रष्ट स्वभाव हमारा
वो भ्रस्ट स्वभाव हमारा।
बस उसी पल से ये बुद्धि सचेत हुई
और हमारी रूह भी फिर से जीवित हुई
मामूली सा इंसान ये अलप सा इंसान है जो
वो रहता हमारे ही बीच, जिसे हमने नकार इतने समय से वो है कौन?
क्या ये इंसान वही है जिसे चाहते थे हम दिन रात
जिसका कब से था इंतज़ार प्रभु येशु?
है ये वही है! वही है! हमारा प्रभु ही तो है!
वही सत्य है वही राह है और ये ज़िन्दगी
है ये वही तो है ये सच्चा प्रभु ही तो है!
वही सच वही राह और ये ज़िन्दगी
है ये वही तो हमारा प्रभु ही तो है!
वही सच है वही राह है वही ज़िन्दगी
वही राह है, वही ज़िन्दगी!
"वचन देह में प्रकट होता है" से
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