"स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII परमेश्वर सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है (II)" (भाग दो)


"स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII परमेश्वर सभी चीज़ों के लिए जीवन का स्रोत है (II)" (भाग दो)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर और मनुष्यों के बीच में सबसे बड़ा अन्तर है कि परमेश्वर सभी चीज़ों के ऊपर शासन करता है और सभी चीज़ों की आपूर्ति करता है। परमेश्वर प्रत्येक चीज़ का स्रोत है, और मानवजाति सभी चीज़ों का आनन्द उठाता है जबकि परमेश्वर उनकी आपूर्ति करता है। दूसरे शब्दों में, मानवजाति तब सभी चीज़ों का आनन्द उठाता है जब वह उस जीवन का स्वीकार कर लेता है जिसे परमेश्वर सभी चीज़ों को प्रदान करता है। मानवजाति परमेश्वर के द्वारा सभी चीज़ों की सृष्टि के परिणामों का आनन्द उठाता है, जबकि परमेश्वर स्वामी है। सही है? तो सभी चीज़ों के दृष्टिकोण से, परमेश्वर और मानवजाति के बीच क्या अन्तर है? परमेश्वर सभी चीज़ों की बढ़ौतरी के श्रेणियों को साफ साफ देख सकता है, और सभी चीज़ों की बढ़ौतरी के नमूनों को नियन्त्रित करता है और उन पर शासन करता है। अर्थात्, सभी चीज़ें परमेश्वर की दृष्टि में हैं और उसके निरीक्षण के दायरे के भीतर हैं।......इस प्रकार परमेश्वर परमेश्वर है, और मनुष्य मनुष्य है! भले ही मनुष्य लगातार विज्ञान एवं सभी चीज़ों के नियमों पर अनुसन्धान करता रहे, फिर भी यह एक सीमित दायरे में होता है, जबकि परमेश्वर सभी चीज़ों को नियन्त्रित करता है। मनुष्य के लिए, यह असीमित है।"

क्या आप जीवन का अर्थ न पा सकने के कारण भ्रमित महसूस करते हैं? परमेश्वर के वचनों को पढ़ें और आप जीवन में उचित लक्ष्य पा सकेंगे।

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