Hindi Christian Movie | Chronicles of Religious Persecution in China "वापसी के कगार पर"


Hindi Christian Movie | Chronicles of Religious Persecution in China "वापसी के कगार पर"

वर्ष 1949 में मेनलैण्ड चीन में सत्ता में आने के बाद से, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी धार्मिक आस्था का निरंतर उत्पीड़न करने में लगी रही है। पागलपन में यह ईसाइयों को बंदी बना चुकी है और उनकी हत्या कर चुकी है, चीन में काम कर रहे मिशनरियों को निष्काषित कर चुकी है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा चुका है, बाइबल की अनगिनत प्रतियां जब्त कर जला दी गयीं हैं, कलीसिया की इमारतों को सीलबंद कर दिया गया है और ढहाया जा चुका है, और सभी गृह कलीसिया को जड़ से उखाड़ फैंकने का प्रयास किया जा चुका है।
यह वृत्तचित्र एक चीनी ईसाई, चेन वेन्‍जोंग के चीनी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के हाथों उत्‍पीड़न का सामना किये जाने के सच्चे अनुभव की एक दास्तान है। चेन वेन्जोंग अपने कैरियर में कामयाब थे, उनका एक सुंदर और खुशहाल परिवार था, लेकिन परमेश्वर में विश्वास करने और अपने दायित्‍वों को पूरा करने के कारण, सीसीपी ने उन्हें वांछित घोषित कर दिया। उन्हें घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और वे दस सालों तक यहाँ-वहाँ भागते रहे। उनके ठिकाने का पता लगाने के लिए, सीसीपी पुलिस ने उनके परिवार पर लगातार नज़र रखी, डराया, धमकाया और यहां तक कि उसके छोटे बेटे शाओयू को भी नहीं छोड़ा। अंत में, उन्होंने शाओयू को ऐसे रास्‍ते पर चलने के लिए मजबूर किया जहां से वापस लौटना मुमकिन नहीं था...

अधिक:अंततः कौन ईसाई परिवारों को तोड़ रहा है?

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