परमेश्वर का नाम क्यों बदलता है? इसके पीछे क्या रहस्य है?

परमेश्वर के नाम
यहोवा परमेश्वर ने पुराने नियम में हमें स्पष्ट रूप से बताया है: "मैं ही यहोवा हूँ और मुझे छोड़ कोई उद्धारकर्ता नहीं। "(यशायाह 43:11)(© BSI )"यहोवा ... सदा तक मेरा नाम यही रहेगा, और पीढ़ी पीढ़ी में मेरा स्मरण इसी से हुआ करेगा।"(निर्गमन 3:15) (© BSI )और फिर नये नियम में लिखा है: "किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें।" (प्रेरितों 4:12)(© BSI ) "यीशु मसीह कल और आज और युगानुयुग एक–सा है।" (इब्रानियों 13:8)(© BSI ) यह पुराने नियम में स्पष्ट रूप से कहता है कि यहोवा का नाम हमेशा के लिए है, इसलिएपरमेश्वर का नाम अनुग्रह के युग में यीशु के लिए क्यों बदल गया? परमेश्वर का नाम क्यों बदलता है? इसके पीछे क्या रहस्य है? यह निबंध आपके लिए रहस्य को उजागर करेगा!
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ईसाई झोंग ज़िन चीन की मुख्यभूमि की एक गृह कलीसिया का उपदेशक है। वह सच्‍चे मार्ग की जाँच करने और यह निर्धारित करने के लिए कि सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर ही प्रभु यीशु की वापसी हैं, अपने भाई-बहनों की अगुआई करता है। हालाँकि कुछ लोग सीसीपी सरकार के और धार्मिक मण्डलियों के लोगों के पागलों की तरह सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर की कलीसिया के विरोध और उसकी निंदा को देख कर घबरा जाते हैं। सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर के वचनों को पढ़कर, और सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर की कलीसिया के गवाहों की संगति को सुनकर, वे मानव जाति के परमेश्‍वर की अवज्ञा करने के मूल कारणों को समझ जाते हैं, वे स्पष्ट रूप से देखते हैं कि स्‍वर्ग के राज्‍य का मार्ग इतनी कठिनाइयों से भरा हुआ क्‍यों है, और उनमें सीसीपी की शैतानी सत्‍ता और धार्मिक जगत के अगुआओं के सत्‍य से घृणा करने वाले, परमेश्‍वर विरोधी सार के बारे में विवेक आ जाता है। अंत में, झोंग ज़िन जैसे लोगों ने सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर के राज्‍य के सुसमाचार को दृढ़तापूर्वक स्‍वीकार कर लिया है।

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