परमेश्वर के वचन का भजन: मानव जाति पर परमेश्वर की करुणा

परमेश्वर के वचन का भजन
मानव जाति पर परमेश्वर की करुणा

"दया" को..... कई तरीकों से समझ सकते है इसका मतलब तो प्यार, सुरक्षा और देखभाल है "दया"...का मतलब प्रभु से लगाव है लेकिन ज्यादा स्नेह किसी के नुकसान के लिए नहीं है जो उसके प्यार और कोमलता का छाया मात्र है और इस भावना को हम कभी भी खोना नहीं चाहेंगे यह परमेश्वर का रहम और सहनशीलता है इंसानों पर जबकि परमेश्वर ने सभी के लिए एक ही शब्द का प्रयोग किया लेकिन इसमें उनके दिल की आवाज़ और नज़रिया है हमारे लिए जब परमेश्वर बोले तो सब कुछ प्रकाशित हुआ


नीनवह की सड़के भी, सदोम की तरह, भ्रष्ट, बुरी और हिंसक थी लेकिन वो पछताए तो भगवान का दिल बदल गया और उनका विनाश भी माफ़ हुआ परमेश्वर के शब्द और शिक्षा के लिए उनका रवैया सदोम के लोगों से अलग था उनका समर्पण भगवान के लिए पूरा था और अपने पापों के लिए पश्चाताप भी सच्चा था वो हर तरीके से मेहनती और ईमानदार थे तो परमेश्वर ने एक बार फिर करुणा दिखाई और उन पर कृपा की। 
"वचन देह में प्रकट होता है से आगे जारी" से

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