अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V परमेश्वर की पवित्रता (II)" (भाग दो)


अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V परमेश्वर की पवित्रता (II)" (भाग दो)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "जैसा मनुष्य का दृष्टिकोण होता है वैसा परमेश्वर का दृष्टिकोण नहीं होता, इसके अलावा, उसे काम करने के लिये मनुष्य के दृष्टिकोण, उनके ज्ञान, उनके विज्ञान या उनके दर्शनशास्त्र या कल्पनाओं का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती।
बल्कि प्रत्येक बात जो परमेश्वर करता और जो परमेश्वर प्रगट करता है वह सत्य से जुड़ी होती है। यानिकि उसका हर शब्द और हर कार्य सच से संबंधित है। यह सत्य कोई आधारहीन कल्पना नहीं है। यह सत्य और ये शब्द परमेश्वर द्वारा उजागर किए गये हैं। वह परमेश्वर के तत्व और उसके जीवन के कारण हुए हैं। क्योंकि ये शब्द और तत्व और प्रत्येक बात जो परमेश्वर ने की, सच है, इसलिए हम कह सकते हैं कि परमेश्वर का तत्व पवित्र है। अन्य शब्दों में प्रत्येक बात जो परमेश्वर कहते और करते हैं वह लोगों के लिए जीवन शक्ति और प्रकाश लाती है; यह लोगों को सकारात्मक बातों को और उन सकारात्मक बातों की वास्तविकता को देखने की अनुमति देती है और यह मानवता को प्रकाश की राह की ओर इंगित करती है ताकि वे सही राह पर चल सकें। ये बातें परमेश्वर के तत्व के कारण निर्धारित की गई और ये परमेश्वर के तत्व की पवित्रता के कारण निर्धारित की गई हैं।"



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