परमेश्वर के वचनों का एक भजन
देहधारी परमेश्वर मानव जाति को नये युग में ले जाते
हैं
I
देह-धारी प्रभु करते हैं अंत उस युग का, जहां मानवजाति
ने कभी न देखा यहोवा का चेहरा। करते हैं प्रभु अंत उस युग का, जहां मानव का अज्ञात
प्रभु में रहा विश्वास, अंतिम देहधारी प्रभु का काम रहा (काम रहा), लाना मानव को ज़्यादा
सच्चे, व्यावहारिक, और सुहाने युग में। देह-धारी प्रभु
II
करते हैं न केवल अंत व्यवस्था और सिद्धांत के युग का;
करते हैं उजागर जग के सम्मुख ऐसे परमेश्वर को, जो सच्चे हैं और सहज हैं, जो धर्मी हैं
और पावन हैं, जो कार्य योजना करें उजागर, करें प्रकाशित मानवता के भेदों को, और मंज़िल
को, रचा जिन्होंने मानव जाति को, रहे हज़ारों साल गुप्त जो मानवता से, करते हैं वो अंत
अनजाने युग का, देह-धारी प्रभु करते हैं जो अंत उस युग का, जहां चाहकर भी कर ना पाई
मानवता, दर्शन परमेश्वर का। करते हैं जो अंत उस युग का जहां मानवजाति ने, की सेवा शैतान
की, और करते हैं एक नये युग में रहनुमाई इंसान की। ये सब है परिणाम प्रभु के कामों
का उस देहरूप में, ना कि प्रभु के आत्म-रूप में। ना कि प्रभु के आत्म-रूप में। ना कि
प्रभु के आत्म-रूप में।
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